हजारों किशोर पोर्न के आदी हैं

पोर्नोग्राफी किशोरों को व्यभिचार से कम नहीं नुकसान पहुंचाती है।


जैसे-जैसे देश सूचना प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ता है, देश के ऊपरी स्तर से लेकर निचले स्तर तक की सभी गतिविधियाँ आगे बढ़ती रहती हैं। इसके साथ ही व्यवहार, वाणी, शैली और सभी प्रकार के रीति-रिवाज बदलने लगे। इससे लोगों के सभी एक्सप्रेशन बदल जाते हैं।


सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारे विचारों को इस रूप में प्रस्तुत किया है कि हम अपने विचार स्वयं बना सकते हैं।


कंप्यूटर के दुरूपयोग के कारण आज हमारा युवा विनाश के कगार पर है। जिस तरह जंक फूड हमें खा जाता है और हमें मौत के घाट उतार देता है, उसी तरह पोर्न भी कोई अपवाद नहीं है। पारिवारिक अवसाद और अत्यधिक पोर्न देखने से युवा किशोर नपुंसक हो रहे हैं।

 भारत में एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 22 प्रतिशत किशोर पोर्न देखने के कारण अपना कौमार्य खो रहे हैं।

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हम अपने भाग्य को बदलने के लिए क्या कर सकते हैं?


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तो एक तरफ हमें मिलावटी खाने से बचना है और दूसरी तरफ छोटे बच्चों को पोर्न इमेज की लत से निजात दिलाने के लिए जरूरी उपाय करने हैं। एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सभी को मिलकर जंक फूड और पोर्न की लत से छुटकारा पाना चाहिए।

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