अंतर्मुखी व्यक्तित्व अधिक सफल क्यों होते हैं?

व्यक्तित्व के दो मुख्य प्रकार हैं:

(i) अंतर्मुखी - अंतर्मुखी लोग ज्यादातर इस बात से चिंतित रहते हैं कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है।

(ii) बहिर्मुखी – बहिर्मुखी लोग अपने दिमाग में क्या चल रहा है उससे ज्यादा ध्यान इस बात पर देते हैं कि उनके आसपास क्या हो रहा है।

विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि एक अंतर्मुखी जीवन में अधिक सफल होता है। इस सफलता के पीछे 3 कारण हैं-

1️⃣ इनकी देखने की शक्ति, अंतर्मुखी लोग कम बोलते हैं लेकिन इनकी देखने की शक्ति तेज होती है जो इन्हें हर बात का गहराई से विश्लेषण करने में मदद करती है। परिणामस्वरूप उनके पास एक स्पष्ट विचार है कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए और उसी के अनुसार चुपचाप आगे बढ़ना चाहिए।

2️⃣ वहीं दूसरी ओर थोड़ा अवलोकन करने पर आप पाएंगे कि वे बहुत अच्छे श्रोता हैं, जो हमारे समाज में बहुत कम होता है, हर कोई सिर्फ बात करना चाहता है, दूसरों को सुनने का धैर्य किसी में नहीं है। लेकिन यह खास गुण आपको अंतर्मुखी में देखने को मिलेगा।

3️⃣ बहिर्मुखी की तुलना में अंतर्मुखी अधिक जिज्ञासु होते हैं। वे अनेक प्रकार की पुस्तकें पढ़ते हैं, जिससे उनके ज्ञान का क्षेत्र विस्तृत होता है।

मार्क जुकरबर्ग, एलोन मस्क, बिल गेट्स, वारेन बफेट, लैरी पेज, महात्मा गांधी, सर फजल हसन अबेद, अल्बर्ट आइंस्टीन, स्वामी विवेकानंद, मार्टिन लूथर किंग आदि।

धन्यवाद

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